कार्यक्षेत्र एवं कार्यक्रम (पाठ्यक्रम)
शिक्षण-प्रशिक्षण एवं नवीकरण
संस्थान में विभिन्न स्तरों के अनेक शिक्षण-प्रशिक्षण एवं नवीकरण पाठ्यक्रमों का संचालन किया जाता है। इन पाठ्यक्रमों को मुख्यत: निम्न वर्गो में विभाजित किया जा सकता है-
प्रशिक्षण परक
- हिंदी शिक्षण निष्णात
- हिंदी शिक्षण पारंगत
- हिंदी शिक्षण प्रवीण
- त्रिवर्षीय हिंदी शिक्षण डिप्लोमा (नागालैंड)
- द्विवर्षीय हिंदी शिक्षण डिप्लोमा (मिज़ोरम)
- विशेष गहन पाठ्यक्रम
विदेशी शिक्षण परक
- हिंदी भाषा दक्षता प्रमाण-पत्र
- हिंदी भाषा दक्षता डिप्लोमा
- हिंदी भाषा दक्षता उच्च डिप्लोमा
- स्नातकोत्तर हिंदी डिप्लोमा
सांध्यकालीन परास्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम
- अनुवाद सिद्धांत एवं व्यवहार डिप्लोमा
- जनसंचार एवं पत्रकारिता डिप्लोमा
- अनुप्रयुक्त हिंदी भाषाविज्ञान डिप्लोमा
- हिंदी रोज़गार परियोजना
नवीकरण
- उच्च नवीकरण पाठ्यक्रम
- शिक्षक नवीकरण पाठ्यक्रम
- प्रचारक नवीकरण पाठ्यक्रम
- भाषा संचेतना विकास शिविर पाठ्यक्रम
- संवर्धनात्मक पाठ्यक्रम
- कौशलपरक पाठ्यक्रम
- प्रयोजनमूलक हिंदी नवीकरण पाठ्यक्रम
- दक्षतापरक नवीकरण कार्यक्रम
अनुसंधान
- हिंदी शिक्षण की अधुनातन प्रविधियों का विकास।
- हिंदी भाषा और साहित्य में मूलभूत और अनप्रयुक्त अनुसंधान।
- हिंदी भाषा और अन्य भारतीय भाषाओं का व्यतिरेकी और तुलनात्मक अध्ययन।
- प्रयोजनमूलक हिंदी संबंधी शोध कार्य।
- हिंदी का समाज भाषावैज्ञानिक सर्वेक्षण और अध्ययन।
- हिंदी भाषा के आधुनिकीकरण और भाषा-प्रौद्योगिकी के विकास के उद्देश्य से अनुसंधान।
शिक्षण सामग्री और कोश निर्माण
- विदेशी भाषा के रूप में हिंदी शिक्षण पाठ्यक्रम निर्माण।
- विश्वविद्यालय स्तरीय प्रयोजनमूलक हिंदी पाठ्यक्रम सामग्री का निर्माण।
- हिंदीतर भाषी राज्यों, जनजाति क्षेत्रों के लिए हिंदी शिक्षण संबंधी पाठ्यपुस्तक सामग्री का निर्माण।
- बैंकिंग, प्रशासन आदि प्रयोजनमूलक हिंदी पाठ्यक्रमों के लिए पाठ्य सामग्री का निर्माण।
- कम्प्यूटर साधित हिंदी भाषा शिक्षण संबंधी पाठ्य सामग्री का निर्माण।
- दृश्य-श्रव्य माध्यमों से हिंदी शिक्षण संबंधी पाठ्य सामग्री का निर्माण।
- हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं के द्विभाषी कोशों का निर्माण।