मंडल के पूर्व उपाध्यक्ष
1. |
श्री.पी. के थुंगन |
1982 से 1984 तक |
2. |
आचार्य देवेन्द्रनाथ शर्मा |
1986 से जनवरी 1987 तक |
3. |
डॉ. रामकरण शर्मा |
1987 से 1989 तक |
4. |
सुश्री शैलजा |
1989 से 1995 तक |
5. |
सुश्री कृपा सिंधु मोई |
1995 से 1996 तक |
6. |
श्री मुहीराम सेकिया |
1996 से 1998 तक |
7. |
श्री राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ |
25.09.1998 से अगस्त 2004 तक |
8. |
श्री सुदीप बैनर्जी |
अगस्त 2004 से मार्च 2005 तक |
9. |
प्रो. कमला प्रसाद |
मार्च 2005 से जून 2006 तक |
10. |
प्रो. रामशरण जोशी |
जून 2006 से 27 मई 2009 तक |
11. |
प्रो. अशोक चक्रधर |
28 मई 2009 से 17 फऱवरी 2014 तक |
12. |
प्रो. यार्लगड्डा लक्ष्मीप्रसाद |
18 फरवरी 2014 से 08 सितंबर 2014 तक |
संस्थान के पूर्व निदेशक
संस्थान के पूर्व निदेशक
1. |
डॉ. विनय मोहन शर्मा |
मई,1962 से 24 फरवरी, 1963 तक |
2. |
प्रो. ब्रजेश्वर वर्मा |
25 फरवरी, 1963 से 31 अगस्त, 1974 तक |
3. |
प्रो. पी. गोपाल शर्मा |
31 मार्च 1975 से 31 मई, 1979 तक |
4. |
प्रो. बाल गोविंद मिश्र |
31 दिसम्बर, 1979 से 31 अक्टूबर, 1991 तक |
5. |
प्रो. महावीर सरन जैन |
21 जुलाई, 1992 से 31 जनवरी, 2001 तक |
6. |
प्रो. नित्यानंद पांडेय |
31 मार्च 2002 से 12 जून 2004 तक |
7. |
प्रो. शंभुनाथ |
23 मार्च से 27 नवंबर, 2008 तक |
8. |
प्रो. मोहन |
30 अगस्त, 2011 से 18 अगस्त, 2015 तक |
संस्था की बहिर्नियमावली
संस्था की बहिर्नियमावली की पी.डी.एफ़ फाइल डाउनलोड करें
मंडल के पदाधिकारी
केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल में अपने कृत्यों के निर्वहन के लिए निम्नलिखित शीर्ष पदाधिकारी हैं-
उपाध्यक्ष
डॉ. कमल किशोर गोयनका
डॉ. कमल किशोर गोयनका केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल के वर्तमान उपाध्यक्ष हैं।
दिल्ली के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से अवकाशप्राप्त डॉ. गोयनका प्रेमचन्द साहित्य के अधिकारी विद्वान एवं प्रामाणिक शोधकर्ता माने जाते हैं। मुंशी प्रेमचन्द पर उनकी अनेक पुस्तकें व लेख प्रकाशित हो चुके हैं। साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित प्रेमचन्द ग्रंथावली के संकलन एवं सम्पादन में उनका विशेष योगदान है।
इसके अलावा प्रवासी हिन्दी साहित्य के संकलन, अध्ययन एवं विश्लेषण करने में भी आपकी अहम भूमिका स्वीकार की जाती है।
आपके गतिशील मार्गदर्शन में केंद्रीय हिंदी संस्थान अपने निर्धारित उत्तरदायित्वों की पूर्ति करते हुए भविष्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए कटिबद्ध है।
मंडल के उपाध्यक्ष डॉ. कमल किशोर गोयनका को 2014 का व्यास सम्मान
मंडल के माननीय उपाध्यक्ष एवं प्रख्यात लेखक डॉ. कमल किशोर गोयनका को वर्ष 2014 का व्यास सम्मान प्रदान किए जाने की घोषणा की गई है। यह सम्मान 2012 में प्रकाशित उनकी शोधपरक पुस्तक ‘प्रेमचंद की कहानियों का कालक्रमानुसार अध्ययन’ के लिए दिया जाएगा।
के.के. बिरला फाउंडेशन द्वारा 1991 में स्थापित प्रतिष्ठि व्यास सम्मान के अंतर्गत सम्मान-अलंकरण के साथ ढाई लाख रुपये की सम्मान राशि प्रदान की जाती है। के.के. बिरला फाउंडेशन द्वारा साहित्य के क्षेत्र में तीन बड़े साहित्यिक सम्मान व पुरस्कार दिए जाते हैं। यह सम्मान पिछले दस वर्षों में प्रकाशित भारतीय नागरिक की उत्कृष्ट हिंदी कृति पर दिया जाता है।
संस्थान परिवार अपने माननीय उपाध्यक्ष की इस उपलब्धि पर अत्यंत हर्षित एवं गौरवान्वित है।
डॉ. कमल किशोर गोयनका : जीवन वृत्त
जन्म एवं स्थान – 11 अक्टूबर, 1938, बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश)
संपर्क – ए-98, अशोक विहार, फेज़ प्रथम, दिल्ली-110052
फोन – 011-27219251, 27111546, मो. 9811052469
ई-मेल – यह ईमेल पता spambots से संरक्षित किया जा रहा है. आप जावास्क्रिप्ट यह देखने के सक्षम होना चाहिए.
अध्यापन-सेवाएँ
- रीडर, हिंदी विभाग, जाकिर हुसैन, पोस्ट – ग्रेजुएट (ईवनिंग) कॉलेज, (दिल्ली विश्वविद्यालय), जवाहरलाल नेहरू मार्ग, नई दिल्ली-110002 (सेवानिवृत्त)
- दिल्ली विश्वविद्यालय से 1961 में एम.ए. (हिंदी), पीएच.डी. 1972 में
- रॉंची विश्वविद्यालय, रॉंची से 1984 में डी.लिट्.
- 40 वर्ष से अधिक शिक्षण अनुसंधान 41 वर्ष, बी.ए. (ऑनर्स), एम.ए., एम.फिल. आदि
- शोध निर्देश का अनुभव 42 वर्ष
- हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार-प्रेमचंद के विशेषज्ञ के रूप में देश-विदेश में विख्यात तथा प्रेमचंद संबंधी शोध की मौलिकता एवं उनके नए शोध-निष्कर्षों को सर्वत्र मान्यता तथा प्रवासी हिंदी साहित्य के विशेषज्ञ
- प्रेमचंद के जीवन, विचार तथा साहित्य के शोध पर लगभग 46 वर्षों से निरंतर कार्यरत तथा शोध एवं अध्ययन की नई दिशाओं का उदघाटन, प्रेमचंद पर आलोचकों की पुरानी मान्यताओं को खण्डित करके नई मान्यताओं एवं निष्कर्षों का प्रतिपादन, प्रेमचंद के हजारों पृष्ठों के लुप्त तथा अज्ञात साहित्य को खोजकर साहित्य-संसार के सम्मुख प्रस्तुत करना तथा प्रेमचंद की, हिन्दी में पहली बार, कालक्रमानुसार जीवनी का लेखन
- प्रेमचंद पर पीएच.डी. तथा डी.लिट्. करने वाले भारत के एकमात्र शोधार्थी तथा प्रेमचंद संबंधी अपने अनुसंधान-कार्य से प्रेमचंद की एक नई ‘भारतीयता’ से परिपूर्ण मूर्ति की संरचना का महत्वपूर्ण कार्य, प्रेमचंद पर लगभग 350 लेख, शोध-आलेख प्रकाशित
- प्रेमचंद की जन्म शताब्दी पर दिल्ली में ‘प्रेमचंद जन्म शताब्दी राष्ट्रीय समिति’ की स्थापना तथा उसके संस्थापक, महासचिव श्री जैनेन्द्र कुमार की अध्यक्षता तथा प्रो. विजयेन्द्र स्नातक के संयोजकत्त्व में कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों का आयोजन।
- प्रेमचंद जन्म-शताब्दी पर लगभग 50 छोटी एवं बड़ी पत्र-पत्रिकाओं को ‘प्रेमचंद विशेषांक’ निकालने के लिए प्रेरित करना तथा रचनात्मक सहयोग।
- प्रेमचंद के मूल दस्तावेजों, पत्रों, डायरी, बैंक पास-बुक, फोटोग्राफों, पाण्डुलिपियों की लगभग 3000 वस्तुओं का संग्रह करना तथा भारत सरकार के सहयोग से सन् 1980 में ‘प्रेमचंद शताब्दी’ पर देश-विदेश में ‘प्रेमचंद प्रदर्शनी’ की आयोजना करना तथा नई दिल्ली टेलीविजन के लिए प्रेमचंद पर एक फिल्म बनाने में प्रमुख रूप से योगदान।
- प्रेमचंद शताब्दी वर्ष 1980 से अब तक लगभग 70 नगरों, विश्वविद्यालयों, अकादमियों, साहित्यिक संस्थाओं द्वारा प्रेमचंद पर व्याख्यान के लिए आमंत्रित तथा सम्मानित।
- भारत के राष्ट्रपति-ज्ञानी जैल सिंह द्वारा वर्ष 1986 में ‘भारतीय भाषा परिषद्’, कोलकाता द्वारा ‘प्रेमचंद विश्वकोश’ के लिए पुरस्कृत।
- ‘प्रेमचंद शताब्दी’ पर मॉरिशस की ‘हिंदी प्रचारिणी सभा’ में प्रेमचंद पर कार्यक्रम की आयोजना। भारत सरकार द्वारा ‘प्रेमचंद विशेषज्ञ’ के रूप में मॉरिशस में कार्य। मॉरिशस के तब के प्रधानमंत्री डॉ. शिवसागर रामगुलाम की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन और उनके द्वारा सम्मानित।
- ‘प्रेमचंद अकादमी’ और ‘प्रेमचंद संग्रहालय’ की स्थापना के लिए प्रयत्नशील।
- हिंदी अकादमी, दिल्ली द्वारा दो बार पुरस्कृत और सम्मानित।
- मॉरिशस के महात्मा गांधी इंस्टिट्यूट द्वारा सन् 1989, 1994 तथा 1996 में प्रेमचंद पर अंतरराष्ट्रीय गोष्ठियों की अध्यक्षता तथा व्याख्यान के लिए आमंत्रित करना तथा मॉरिशस के हिंदी साहित्य के प्रकाशन तथा मूल्यांकन में सक्रियता से कार्य।
- प्रेमचंद की प्रकाशित पुस्तकें
(1) प्रेमचंद के उपन्यासों का शिल्प विधान, 1974
(2) प्रेमचंद-कुछ संस्मरण, 1980
(3) प्रेमचंद (पॉकेज बुक), 1980
(4) प्रेमचंद और शतरंज के खिलाड़ी, 1980
(5) प्रेमचंद – अध्ययन की नई दिशाएँ, 1981
(6) रंगभूमि – नए आयाम, 1981
(7) प्रेमचंद विश्वकोश, खंड एक – ‘प्रेमचंद का जीवन’, 1981
(8) प्रेमचंद विश्वकोश, खंड दो – ‘प्रेमचंद का जीवन’, 1981
(9) प्रेमचंद – चित्रात्मक जीवनी, 1986
(10) प्रेमचंद का अप्राप्य साहित्य (खण्ड दो), 1988
(11) प्रेमचंद की हिंदी-उर्दू कहानियाँ, 1990
(12) प्रेमचंद - रचना संकलन, साहित्य अकादेमी (भारत सरकार), नई दिल्ली, 1994
(13) प्रेमचंद के नाम पत्र, 2002
(14) प्रेमचंद - देश-प्रेम की कहानियाँ, 2002
(15) प्रेमचंद बाल साहित्य समग्र-2002
(16) प्रेमचंद की अप्राप्त कहानियाँ, 2005
(17) प्रेमचंद पत्र-कोश, 2007
(18) प्रेमचंद – कहानी रचनावली (6 खंड), 2010
(19) प्रेमचंद – अनछुए प्रसंग, 2011
(20) प्रेमचंद – वाद, प्रतिवाद और समवाद, 2012
(21) प्रेमचंद – (मोनोग्राफ)
(22) प्रेमचंद – प्रतिनिधि संचयन
(23) प्रेमचंद – संपूर्ण दलित कहानियाँ
(24) प्रेमचंद – कालजयी कहानियाँ
(25) प्रेमचंद की कहानियों का कालक्रमानुसार अध्ययन, 2012
(26) ‘गोदान’ प्रथम संस्करण
(27) उर्दू ‘गऊदान’ हिंदी लिप्प्रयतरण
- प्रेमचंद पर प्रकाशनाधीन पुस्तकें
(1) प्रेमचंद विश्वकोश, खण्ड - 3, 4, 5
(2) प्रेमचंद – नई पहचान
(3) ‘कफ़न’ – आत्मा की तलाश
- प्रेमचंद पर शीघ्र पूर्ण होने वाली पुस्तकें
(1) प्रेमचंद और भारतीयता
(2) ‘गोदान’ की पाण्डुलिपियों का अध्ययन
(3) प्रेमचंद की कहानी यात्रा
(4) प्रेमचंद का बाल साहित्य
(5) नया मान सरोवर (आठ खण्ड)
- अन्य प्रकाशित पुस्तकें
(1) प्रभाकर माचवे – प्रतिनिधि रचनाएँ, 1984
(2) अभिमन्यु अनत – एक बातचीत, 1985
(3) जगदीश चतुर्वेदी – विवादास्पद रचनाकार, 1985
(4) मन्मथनाथ गुप्त – प्रतिनिधि कहानियाँ, 1985
(5) जिज्ञासाएँ मेरी – समाधान बच्चन के, 1985
(6) रवीन्द्रनाथ त्यागी – प्रतिनिधि रचनाएँ, 1988
(7) हजारीप्रसाद द्विवेदी – कुछ संस्मरण, 1988
(8) विष्णु प्रभाकर – प्रतिनिधि रचनाएँ, 1988
(9) यशपाल – कुछ संस्मरण, 1990
(10) लघुकथा के प्रतिमान, 1998
(11) अभिमन्यु अनत – समग्र कविताएँ, 1998
(12) अभिमन्यु अनत – समग्र कविताएँ, 1999
(13) मॉरिशस की हिंदी कहानियाँ, 2000
(14) लघुकथा का व्याकरण, 2003
(15) दिनेशनन्दिनी डालमिया से बातचीत, 2002
(16) ब्रजेन्द्र कुमार भगत ‘मधुकर’ काव्य रचनावली, 2003
(17) मंजुल भगत – समग्र कथा साहित्य, 2008
(18) रवीन्द्रनाथ त्यागी एवं व्यंग्य रचनाएँ, 2008
(19) गांधी – पत्रकारिता के प्रतिमान, 2008
(20) हिंदी का प्रवासी साहित्य, 2008
(21) बालशौरि रेड्डी कथा रचनावली (4 खंड), 2012
- प्रेमचंद संबंधी शोध-कार्य पर देश-विदेश के विद्वानों द्वारा मान्यता
हिंदी के विख्यात लेखकों, प्रोफेसरों एवं समीक्षकों में सर्वश्री जैनेन्द्र कुमार, अमृतलाल नागर, विष्णु प्रभाकर, शिवमंगल सिंह ‘सुमन’, प्रो. विजयेन्द्र स्नातक, प्रीााकर माचवे, मन्मथनाथ गुप्त, विष्णुकांत शास्त्री, श्रीनारायण चतुर्वेदी, प्रो. कल्याणमल लोढ़ा, प्रो. सत्यभूषण वर्मा, डॉ. ई.एन. विश्वनाथ अय्यर, प्रो. धर्मपाल मैनी, प्रो. तारकनाथ बाली, प्रो. ओमप्रकाश, प्रो. गोपाल राय, डॉ. बालशौरि रेड्डी, चन्द्रकांत बांदिवडेकर, डॉ. विवेकी राय, रवीन्द्रनाथ त्यागी, जगदीश चतुर्वेदी, विनय, देवेश इाकुर, प्रो. गोविन्दनारायण शर्मा (अमेरिका), डॉ. लोठार लुत्से (जर्मनी), अभिमन्यु अनत (मॉरिशस), इण्डिया ऑफिस लाइब्रेरी, लंदन इत्यादि (लगभग 65 विद्वानों) ने प्रेमचंद संबंधी शोधकार्य एवं प्रकाशित पुस्तकों की मौलिकता, श्रेष्ठता एवं ज्ञान को विकसित करने वाले कार्य के रूप में स्वीकृत किया तथा ‘प्रेमचंद-विशेषज्ञ’ तथा प्रेमचंद के ‘बॉसवेल’ के रूप में मान्यता प्रदान की। इन समीक्षकों ने माना कि प्रेमचंद संबंधी शोध-कार्य से प्रेमचंद के जीवन, विचार और साहित्य पर सर्वथा नया प्रकाश पड़ा है तथा प्रेमचंद की भारतीयता से पूर्ण एक मूर्ति स्थापित हुई है। प्रेमचंद के लगभग 1200 पृष्ठों के नए हिंदी-उर्दू साहित्य की खोज एवं प्रकाशन को भी अदभुत शोध माना गया।
‘समीचीन’ साहित्यिक वार्षिक पत्रिका, मुम्बई का जनवरी-1990 का विशेषांक डॉ. देवेश ठाकुर के संपादकत्व में ‘डॉ. कमल किशोर गोयनका अंक’ के रूप में प्रकाशित हुआ और लगभग 70 विद्वानों ने प्रेमचंद संबंधी शोध कार्य का मूल्यांकन करते हुए उसकी मौलिकता एवं महत्ता को देखते हुए उसे राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति प्रदान की।
- साहित्यिक संस्थाओं से संबंध
(1) संस्थापक महासचिव – ‘प्रेमचंद जन्म शताब्दी राष्ट्रीय समिति’, दिल्ली (1979 से)
(2) प्रधानमंत्री – भारतीय हिंदी परिषद, इलाहाबाद (1993 से मई 1997 तक)
(3) अध्यक्ष – अखिल भारतीय साहित्य परिषद, दिल्ली प्रदेश (995 से 2000 तक)
(4) सदस्य कार्यकारिणी – हिंदी अकादमी, दिल्ली सरकार, दिल्ली (1995 से 1999 तक)
(5) सदस्य कार्यकारिणी – हिन्दुस्तानी एकेडेमी, उत्तर-प्रदेश सरकार, इलाहाबाद (1 जनवरी, 1993 से 31 दिसंबर, 2001 तक)
(6) सदस्य कार्यकारिणी – ऑथर्स गिल्ड ऑफ इण्डिया, नई दिल्ली
(7) उपाध्यक्ष – भारतीय लेखक संगठन, नई दिल्ली
(8) आजीवन सदस्य – दिल्ली विश्वविद्यालय, हिंदी अनुसंधान परिषद, दिल्ली
(9) अतिथि प्राध्यापक – नागपुर विश्वविद्यालय, नागपुर (17 मार्च, 1983 से 30 मार्च, 1983 तक)
(10) सदस्य – सरकारी समिति, विश्व हिंदी सम्मेलन, लंदन-1999 और सूरीनाम-2003
- मॉरिशस के हिंदी साहित्य के विकास के लिए कार्य
(1) वर्ष 1980, 1989, 1994 तथा 1996 में मॉरिशस की यात्रा और प्रेमचंद पर आयोजित कार्यक्रमों की अध्यक्षता, व्याख्यान तथा वहाँ के युवा लेखकों को कहानी-कविता आदि लेखन पर मार्गदर्शन तथा वहाँ के साहित्यिक कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी तथा वहाँ दो साहित्यिक संस्थाओं की स्थापना में प्रत्यक्ष योगदान तथा उनका उदघाटन करना
(2) मॉरीशस के प्रसिद्ध हिंदी लेखक अभिमन्यु अनत पर एक पुस्तक की रचना तथा वहाँ के साहित्य पर लगभग 15 लेख प्रकाशित
(3) ‘मॉरिशस हिंदी साहित्य कोश’ पर कार्य करना
(4) साहित्य अकादेमी (भारत सरकार) नई दिल्ली के लिए मॉरिशस की प्रतिनिधि हिंदी कहानियाँ’ पुस्तक का संपादन करना
(5) मॉरिशस के हिंदी साहित्य को भारतीय विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में निर्धारित करने-कराने का प्रयत्न करना तथा मॉरिशस के हिंदी साहित्य के प्रकाशन, प्रचार तथा प्रतिष्ठा के लिए निरंतर कार्यरत रहना तथा वहाँ के हिंदी लेखकों की हिंदी रचनाओं को भारत में प्रकाशित कराने में पूर्ण सहयोग देना।
- अमेरिका, इंग्लैण्ड, चीन, जापान, सूर्यनाम, फिजी, ट्रिनिडाड आदि देशों के हिंदी साहित्य के विकास की योजनाएँ
मॉरिशस के अतिरिक्त अमेरिका, इंग्लैण्ड, यूरोप, एशिया आदि के देशों तथा भारत की अप्रवासी जनसंख्या वाले देशों के हिंदी साहित्य को भारत में प्रकाशित, प्रचारित तथा स्थापित करने एवं उसके उचित मूल्यांकन के लिए इधर कुछ वर्षों से प्रयत्नशील तथा इसके लिए दिल्ली में एक ‘अप्रवासी हिंदी साहित्य मंच’ जैसी संस्था की स्थापना के लिए प्रयासरत और शीघ्र ही स्थापित होने की संभावना, जिससे अप्रवासी हिंदी साहित्य को उचित मान्यता मिलने के साथ भारतीय विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में भी उसे उचित स्थान दिलाया जा सके।
- पुरस्कार एवं सम्मान
(1) भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता का ‘नथमल भुवालका पुरस्कार’ से सम्मानित
(2) हिंदी अकादमी, दिल्ली द्वारा दो बार पुरस्कृत एवं सम्मानित
(3) भारत के कई महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों, साहित्यिक-अकादमियों तथा संस्थाओं द्वारा प्रेमचंद संबंधी मौलिक कार्य के लिए सम्मानित
(4) उत्तर-प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ का ‘साहित्य भूषण’ पुरस्कार, 1998
(5) केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा का पं. राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार
(6) हिन्दी प्रचारिणी सभा, मॉरिशस, 2002
(7) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र पुरस्कार (भारत सरकार), 2008
(8) स्व. विष्णु प्रभाकर पुरस्कार, बरेली, 2011
(9) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल आलोचना पुरस्कार, साहित्य अकादेमी, भोपाल, 2011
(10) अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच, कोलकाता द्वारा भावरमल सिंघी सम्मान