एस.ए. सूर्यनारायण वर्मा
प्रो. एस.ए. सूर्यनारायण वर्मा का जन्म 23 मार्च, 1956 को हुआ था। दक्षिण भारत के जाने-माने हिंदी लेखक और हिंदी सेवी के रूप में विख्यात हें। प्रो. वर्मा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से रिचर्स एसोसिएट और अनुसंधान वैज्ञानिक के रूप में लंबे समय तक जुड़े रहे हैं। इन्होंने आंध्र विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में अध्यापन, अनुसंधान, निर्देशन, शोध परियोजनाओं का संचालन, अनुवाद, राजभाषा प्रचार-प्रसार जैसे अनेक कार्यों में उल्लेखनीय योग दिया है।
कार्यक्षेत्र
अब तक प्रो. वर्मा के 15 समीक्षात्मक और 5 अनूदित ग्रंथों के साथ दर्जनों आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। छायावादी कविता में ‘युग-चेतना, ‘नई कविता की काव्य-संवेदना’, ‘तेलुगु भाषा का इतिहास, ‘लर्निंग हिंदी’ आदि इनके प्रमुख ग्रंथ हैं। तुलनात्मक अध्ययन और अनुसंधान के क्षेत्र में प्रो. वर्मा की उपलब्धियॉं राष्ट्रीय महत्व की हैं। अपने बहुआयामी लेखन के ज़रिए उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक संवाद को गतिशील बनाने में इनका योगदान हमेशा उल्लेखनीय रहेगा।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी प्रो. वर्मा को गंगाशरण सिंह पुरस्कार से सम्मानित करते हुए केंद्रीय हिंदी संस्थान अपार हर्ष की अनुभूति कर रहा है।
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