डॉ. एच. बालसुब्रह्मण्यम
डॉ. एच. बालसुब्रह्मण्यम का जन्म 11 अप्रैल, 1932 को हुआ था। डॉ. एच. बालसुब्रह्मण्यम दक्षिण भारत में हिंदी, तमिल और मलयालय भाषाओं के बीच प्रमुख सेतु-निर्माता के रूप में जाने जाते हैं।
कार्यक्षेत्र
स्वतंत्रता आंदोलन के दिनों से हिंदी के प्रचार-प्रसार कार्य से जुड़े डॉ. सुब्रह्मण्यम ने दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के सहयोग से केरल और तमिलनाडु में अनेक हिंदी प्रचारक शिविरों और हिंदी विद्यार्थी मेलों का आयोजन किया साथ ही हिंदी महाविद्यालय की स्थापना करके दक्षिण में हिंदी के विकास को पोषित किया। डॉ. बालसुब्रह्मण्यम ने केंद्रीय हिंदी निदेशालय, दिल्ली में सहायक निदेशक के पद पर आसीन रहते पाठ-निर्माण, वार्तालाप पुस्तिकाओं की रचना एवं अंतरभाषाई कोश-निर्माण के क्षेत्र में अप्रतिम कार्य किया है।
सम्मान एवं पुरस्कार
गृह मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत हिंदी शिक्षण योजना में प्राध्यापक रहते हुए आप ‘उत्कृष्ट अध्यापक पुरस्कार’ से सम्मानित हुए। इसके अतिरिक्त आपकी विशिष्ट हिंदी सेवाओं के लिए साहित्य अकादेमी, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, हिंदी साहित्य सम्मेलन आदि संस्थाओं ने सम्मान प्रदान किया है।
समर्पित हिंदी सेवी डॉ. एच. बालसुब्रह्मण्यम को गंगाशरण सिंह पुरस्कार से सम्मानित करते हुए केंद्रीय हिंदी संस्थान कृतज्ञ का अनुभव कर रहा है।
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