शमतोफ़ आज़ाद
प्रो. शमतोफ़ आजाद विदेशों में हिंदी की विजय-ध्वजा फहराने वाले हिंदी सेवी विद्वानों की पहली पंक्ति में प्रमुख हैं। प्रो. शमतोफ़ आज़ाद का जन्म वर्ष 1946 में हुआ।
कार्यक्षेत्र
उज्बेकी, रूसी, तजाकी, अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, फारसी और पंजाबी भाषाओं के जानकार और इनमें से अनेक भाषाओं में मौलिक लेखन करने वाले प्रो. शमतोफ़ के अनेक शोध आलोख और मोनोग्राफ विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित हैं। 'दक्खिनी हिंदी का भाषा वैज्ञानिक विश्लेषण' हिंदी में उनके लेखन और शोध का केंद्रीय विषय है। इसके अलावा इन्होंने हिंदी की बोलियों पर भी खास काम किया है। ‘क्लासिकल दक्खिनी’ और ‘पास्को में क्लासिकल दक्खिनी की आहट’ इनकी प्रमुख रचनाएँ हैं। इन्होंने हिंदी भाषा विषयक अनेक पुस्तकों और पत्रिकाओं के संपादन कार्य के साथ अनेक उच्च स्तरीय शोध कार्यों में निर्देशक की भूमिका निभाई है।
सम्मान एवं पुरस्कार
प्रो. शमतोफ़ फिलहाल महात्मा गांधी इंडोलॉजी सेंटर के निदेशक तथा ताशकंद स्टेट इंस्टिट्यूट ऑफ ओरिएंटल स्टडीज के दक्षिण-एशियाई भाषा विभाग के अध्यक्ष पद को सुशोभित कर रहे हैं। इन्हें अनेक प्रतिष्ठित संस्थाओं की सदस्यता भी प्राप्त है। प्रो. शमतोफ़ आज़ाद नसरितदिनोविच को डॉ. जॉर्ज ग्रियर्सन पुरस्कार से सम्मानित करते हुए केंद्रीय हिंदी संस्थान भाव-विभोर है।
संपर्क
ताशकंद विश्वविद्यालय, उज्बेकिस्तान
फोन – 09869903795, 09619550533
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