सुधीश पचौरी
समकालीन साहित्यिक-विमर्श, मीडिया-अध्ययन, पॉपुलर संस्कृति एवं सांस्कृतिक अध्ययन के एक अतिविशिष्ट अधिकारी विद्वान के रूप में विख्यात प्रो. सुधीश पचौरी हमारे समय के लगभग सभी प्रमुख विमर्शों में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराते हैं। प्रो. सुधीश पचौरी का जन्म 29 दिसम्बर, 1948 को हुआ।
कार्यक्षेत्र
‘उत्तर आधुनिकता और उत्तर संरचनावाद’, ‘उत्तर आधुनिक साहित्य विमर्श’, ‘भूमण्डलीकरण, बाजार और हिंदी’, ‘उत्तर आधुनिक मीडिया विमर्श’, ‘फासीवादी संस्कृति और पॉप संस्कृति’ और ‘स्त्री-देह के विर्मश’ आदि अनेक चर्चित पुस्तकों के रचनाकार प्रो. पचौरी देश के प्रमुख समाचार-पत्रों में साप्ताहिक स्तंभ लेखन भी करते हैं। आप देश के प्रमुख न्यूज चैनलों से मीडिया विशेषज्ञ के रूप में जुड़े हैं। इसके अलावा बी.बी.सी. लंदन तथा रेडियो एस.बी.एस., सिडनी से भी समाचार विश्लेषक और टिप्पणीकार के रूप में संबद्ध हैं।
सम्मान एवं पुरस्कार
प्रो. पचौरी के साहित्यिक योगदान के लिए इन्हें भारतेंदु हरिश्चंद्र सम्मान, हिंदी साहित्यिक सम्मान और रामचंद्र शुक्ल सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। हिंदी आलोचना के क्षेत्र में एक अप्रतिम हिंदी सेवी के रूप में प्रो. सुधीश पचौरी को सुब्रह्मण्य भारती पुरस्कार से सम्मानित करते हुए 'केंद्रीय हिंदी संस्थान' गौरवान्वित है।
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